आज आप जानेंगे Bed Wetting यानी बिस्तर पर पेशाब करने
के कारण यूनानी ईलाज और Bed Wetting की पूरी जानकारी
विस्तार से।
Bed Wetting की समस्या किन बच्चे
मे होती है ?
बिस्तर पे पेशाब करना ये बात छोटे बच्चे से लेकर अब बड़े
बच्चे और नोजवान मे भी देखने को मिलता है।
आम तौर पर सात साल की उम्र से पहले बिस्तर पर पेशाब
करना चिंता की बात नही होता है।
इस उम्र मे आपका बच्चा अभी भी रात मे पेशाब के नियंत्रण
को बढ़ा सकता है।
अगर फिर भी बिस्तर पे पेशाब करता है तो घबराने की कोई
ज़रूरत नही है। इसका ईलाज करवाये या फिर रातो को बच्चे
को जागकर पेशाब करवाने की आदत लगवाए।
पाँच साल से लेकर आठ साल के ऊपर के अगर बच्चे रातो
को बिस्तर गीला करते है तो ये दिक्कत की बात हो सकती
है।
Bed Wetting का कारण –
बिस्तर पर पेशाब करने का बहुत सारा कारण हो सकता है।
जिनमे से कुछ कारण ये है।
पेशाब के थेली का साइज़ कम होना और उसमे ज़रूरत से
जायदा पेशाब का जमा हो जाना, या पेशाब को रोक कर रखने
वाली Nerve का कमजोर होना।
ADH नामक हार्मोन जिसका काम रातो को मूत्र उतपादन को
धीमा करने का होता है कभी कभी वो भी ठीक से काम नही
करता जिसकी वजह से पेशाब बच्चे मे जायदा बनना शुरू हो
जाता है। और पेशाब थेली का साइज़ कम होने की वजह से
बिस्तर पर ही पेशाब हो जाता है।
ये प्रोब्लेम जायदा तर वैसे बच्चो मे अधिक होता है जिसको
डाट, स्कूल जाने का डर, माँ के डाटने का डर, इत्यादि
डर भी वजह बन सकती है।
ये प्रोब्लेम कभी भी जेनेटिक भी हो सकता है जिस बच्चे
के माँ बाप को Bed Wetting की समस्या बचपन मे रही
होगी।
Bed Wetting का ईलाज –
Majun Falasfa, Qures Kusta Baiza Murgh,
ये कुछ यूनानी दवाए है जो Urinary Bladder को ताक़त
देने का काम करती है।
साथ ही ये दावा रातो को बिस्तर पर पेशाब हो जाने और
पेशाब बार बार होने मे अधिक लाभकारी होता है।
इन दवाओ का सेवन कैसे करे ?
बताए गए किसी भी दो माजून का सेवन 5 ग्राम लेकर
दूध या पानी के साथ सुबह शाम ले। अथवा किसी भी
डॉक्टर या हाकिम के सलाह से करे।
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